जितिया व्रत इस विधि के बिना अधूरा है जानिए !!!

जितिया (Jitiya Vrat) के नहाए खाए के दिन महिलाओं को सुबह उथकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। 

अगर आप किसी नदी में स्नान नहीं कर सकते तो पानी में गंगा जल डालकर स्नान कर सकते हैं।

उसके बाद सुबह पूजा के समय खीरे और चने का भोग लगाकर छत पर रख देना चाहिए। 

ऐसा मन जाता है कि यह भोजन चिल और सियार के लिए रखा जाता है।

उसके नहाए खाए कि शाम को पूजा के बाद महिलाएं मरुवा के आटे की रोटी, नोनी साग आदि भोजन में कर सकती है। 

बिहार के कुछ इलाकों में नहाए खाए के दिन मछली का जोर और मारवा की रोटी खाने की परंपरा है। 

नहाए खाए कि अगले दिन जब से ही अष्टमी तिथि का आरंभ होता है जितिया का व्रत भी शुरू हो जाता है। 

तब से लेकर जब तक अष्टमी तिथि समाप्त नहीं होती यह व्रत चलता रहता है तो आप भी विधि से नहाएं खाये कर सकते हैं।

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