कोणार्क सूर्य मंदिर भारत के ओडिशा राज्य में है।
जो हिंदूओ के देवता सूर्य को समर्पित है।
ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण लगभग 1,200 कारीगरों और श्रमिकों द्वारा किया गया था।
इसका निर्माण 13वीं शताब्दी में हुआ था।
मंदिर के निर्माण में 1238 ई. से 1250 ई. तक 12 वर्ष लगे।
कोणार्क मंदिर को “Black Pagoda” के नाम से भी जाना जाता था।
कोणार्क का सूर्य मंदिर गंगा राजवंश के राजा नरसिम्हा देव प्रथम द्वारा बनवाया गया था।
मंदिर परिसर में अलग-अलग देवता के कई छोटे मंदिर हैं
मंदिर की नक्काशी में शेर, हाथी और घोड़े जैसे जानवरों को दर्शाया गया है, जिन्हें हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है।
मंदिर की नक्काशी में नौ ग्रहों की छवियां भी शामिल हैं।
कोणार्क के सूर्य मंदिर में बनी पहिये की संरचना समय बीतने का प्रतीक है।
यहां, प्रत्येक पहिये में 8 तीलियाँ हैं, जिनमें से प्रत्येक एक "प्रहर" और 24-घंटे के समय का प्रतिनिधित्व करती है।
कोणार्क का सूर्य मंदिर सात घोड़ों द्वारा खींचे जाने वाले बारह पहियों वाले विशाल रथ के रूप में बनाया गया था।
कोणार्क सूर्य मंदिर को भारतीय 10 रूपये के नोट के पीछे चित्रित किया गया है।
मंदिर में विभिन्न देवताओं, जानवरों और पौराणिक दृश्यों को दर्शाती जटिल नक्काशी के साथ लगभग 12,000 पत्थर की मूर्तियां हैं।
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