जरूर देखे देश के जांबाज सैम बहादुर की कहानी    

सैम जापानियों के खिलाफ युद्ध लड़ा और बंदूक की गोली से भी घायल होने के बावजूद पहले व्यक्ति बनकर जांबाज आर्मी ऑफिसर और फील्ड मार्शल बने।

सैम ने इंदिरा गांधी को सरकारी काम से दूर रखा, जिससे कि वह नेहरू की बेटी थी, और उन्होंने 1971 के इंडो-पाक वार में अहम भूमिका निभाई।

 "सैम बहादुर" फिल्म को बनाने के लिए बड़े रिसर्च की आवश्यकता है और यह फिल्म सैम के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है।

फिल्म ने राजनीतिक दृश्यों को चित्रित किया है, जैसे इंदिरा गांधी की फिरोज खान से शादी के बारे में रेडियो पर सुनना।

सैम बहादुर के किरदार में विक्की कौशल ने बेहतरीन अभिनय किया है और उनकी सूक्ष्म अभिव्यक्ति से लेकर उनकी चाल, पोशाक और संवाद अदायगी तक सब कुछ मेंल खाती है।

सैम जापानियों के खिलाफ युद्ध लड़ा और बंदूक की गोली से भी घायल होने के बावजूद पहले व्यक्ति बनकर जांबाज आर्मी ऑफिसर और फील्ड मार्शल बने।

सान्या मल्होत्रा ने सहायक भूमिका में अच्छी तरह से फिट बैठाई हैं, और सना शेख का इंदिरा गांधी का किरदार भी बड़े अच्छे तरीके से निभाया गया है।

मोहम्मद जिशान अयूब का प्रदर्शन कहानी में गहराई जोड़ता है, हालांकि कुछ दृश्यों में गायब है, लेकिन वह फिल्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

फिल्म के कुछ पन्ने गायब लगते हैं, जैसे जब सैम को नौ बार गोली मारी गई और उसे पदक से सम्मानित किए जाने की जानकारी विभिन्न स्थानों पर उपलब्ध है, लेकिन फिल्म में नहीं।

विक्की कौशल की स्क्रीन उपस्थिति और उनका अभिनय फिल्म की सबसे बड़ी संपत्ति हैं।

Sam Bahadur Review: विक्की कौशल का फिर चला जादू, जरूर देखिये देश के इस जांबाज हीरो की कहानी !!